आज करनाल में जिला प्रशासन व स्वयंसिद्वा सोसायटी के सौजन्य से जरा संभल के बच्चों विषय पर पंचायत भवन करनाल मे कार्यंक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बाल यौन शोषण को रोकने के लिए एक अभियान का आरंभ किया गया जिसमें सैकेंडरी तक के स्कूलों के प्रधानाचार्योंं ने भाग लिया। इस मौके पर डॅा.जे.गणेसन ने लगभग ३०० बच्चों की रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया व स्वयंसिद्वा सोसायटी की अध्यक्षा डॉ.रंजना शर्मा द्वारा लिखी गई पुस्तिका जरा संभल के बच्चों का विमोचन करनाल के डी.सी डॅा.जे.गणेसन द्वारा किया गया। डी.सी डॅा.जे.गणेसन ने कहा कि स्वयंसिद्वा सोसायटी केवल दो वर्षों पहले बनी व इतनी कम अवधि में जो सोसायटी साामाजिक कार्यां में अपना अहम् योगदान दे रही है जोकि एक सराहनीय कदम है।
उन्होंने बाल यौन शोषण को रोकने के लिए प्रशासन के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम के अंतर्गत महत्पूर्ण कदम उठाने का भरोसा दिया व कहा कि प्रशासन इस बुराई को रोकने के लिए प्रतिबद्व है। उन्होंने करनाल व करनाल बलाक के समस्त गांवों के सीनियर सैकेंडरी स्कूलों मे सखी प्रोजैकट के तहत वैंडिग मशीनों के लगाने में स्वयंसिद्वा सोसायटी के योगदान की सराहना की । उन्होंने कहा कि मन की बात व बालिका मंच में भी स्वयंसिद्वा सोसायटी शामिल होगी। इस मौके पर स्वयंसिद्वा सोसायटी की अध्यक्षा डॉ.रंजना शर्मा ने कहा कि आज के समय में बाल यौन शोषण घर,कार्यस्थलों व स्कूलों मे कहीं पर भी हो सकता है ज्यादा तर इस तरह का शोषण भरोसे के व्यक्ति,जैसेे के रिश्तेदार व दोस्त या पडोसी द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहाकि आंकडों के अनुसार ज्यादातर इस तरह के शोषण के केस अफ्रिका में ३४.४ प्रतिशत व सबसे कम युरोप में ९.२ प्रतिशत व एशिया में लगभाग २३.९ प्रतिशत के लगभाग पाए गए हैं । डा.रंजना शर्मा ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा २००७ में कि0ए गए सर्वे के अनुसार भारत देश मे बाल यौन शोषण लगभग ५३ प्रतिशत बच्चों (लडक़ों व लडकियों) में है और ज्यादा तर इस तरह के केस आंध्र प्रदेश,बिहार,आसाम व दिल्ली में पाए गए। डा. रंजना ने पीडि़त बच्चों मे पाए गए लक्ष्ण इनका ईलाज व बच्चों के माता पिता को परामर्श के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पावर पवाइंट प्रस्तुति देते हए उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में जानकारी नहीं दी जाती व बात को छिपा कर हम बच्चों का काफी नुकसान करते हैं व साथ ही कई बार गलत मानसिकता के कारण अपने फायदे के लिए झुठे केस भी बनाए जाते हैं। जिसका नुकासन भी बच्चे को ही उठाना पडता है। सी.टी.एम करनाल सतीश कुमार नेकहा कि बच्चों को अपना दोस्त समझें तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है।बी.ई.ओ करनाल सपना जैन ने अपने संबोधन में इस योजन को सुचारू रूप से चलाने के लिए विस्तार से समझाया व बताया कि स्वयंसिद्वा सोसायटी मन की बात व बालिका मंच में भी अहम् भुमिका निभाएगी। इस अवसर पर बच्चों द्वारा बाल यौन शोषण को रोकने का संदेश देते हुए रैली निकाली गई।
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